राधा
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राधा राधा एक बूढी औरत थी वो दो बेटों और दो बेटियों के होते हुए भी आज इस अवस्था में अपने दोनों बेटों के अपने घर होते हुए भी किराये के मकान में पति के साथ रहने हो विवश थी। पति किसी हाउसिंग अपार्टमेंट में सिक्योरिटी गार्ड का काम किया करते थे। कमरे का किराया व् घर खर्च चल जाया करता था। पति की उम्र अब काम करने की नही थीं परन्तु घर चलाने व् पेट की भूख मिटाने को काम करना मजबूरी थी। पति १२ घंटे की नौकरी करते और राधा घर पर दिनभर अपने नाती पोतों के ख्याल में सोच सोच कर दिन काट लिया करती वो अक्सर अपनी जवानी के दिनों में अपने बच्चों की याद...