प्यार और सहयोग
एक समय की बात है, एक छोटा सा गांव था, जहां एक गरीब परिवार रहता था। परिवार में एक छोटा सा लड़का, राजू, और उसके माता-पिता थे। परिवार की आमदानी बहुत कम थी, पर वो लोग अपने जीवन से प्यार से गुज़रते थे।
एक दिन, एक ऐसी मुसिबत आई, जिसकी जिंदगी तब हो गई। राजू के माता-पिता को एक दुर्घटना में हमेशा के लिए खो दिया। राजू का जीवन अंधेरों में डूब गया। उसके अपने प्यारे माता-पिता को खो दिया था और अब वो अकेला रह गया।
राजू की जिंदगी में गम का साया छा गया। उसके चेहरे पर मुस्कान चली गई और वो रोज रोते-रोते जीता था। उसके पास कोई था ही नहीं जो उसकी मदद कर सके या सहारा दे खातिर इस्तेमाल करे। वो छोटी सी उमर में ही सबसे बड़ा दुख भोग रहा था।
दिन रात वो सदमे से झूम उठा था। उसकी नींद उड़ गई थी और वो भूके-प्यासे मर रहा था। उसकी हालत देखकर लोग उससे दूर भागते थे, जैसे उसकी तकलीफ उनको कुछ भी नहीं फर्क पड़ती। राजू ने अकेले जीने की कोशिश की, लेकिन उसका दिल टूटा था।
राजू ने बहुत कोशिश की, पर हमने हर जगह सिर्फ निहित और ठुकरावत ही पाई। उसने लोगों की सेवा की, पर उसको बदला, झगड़ा और धोखा ही मिला। उसकी जिंदगी एक दुख भरी कहानी बन गई, जिस्मे सिर्फ अंधा और तन्हाई थी।
लेकिन फिर एक दिन, राजू को एक मदद मिली। एक समर्पण और प्रेम भरी औरत, गीता, ने राजू को अपने घर में बुलाया और उसका इस्तेमाल अपना बेटा बना लिया। गीता ने राजू को प्यार से अपना और उससे अपना परिवार का हिस्सा बनाया।
गीता के घर में राजू ने नई जिंदगी की शुरुआत की। उसे प्यार, सम्मान और परिवार का एहसास मिला। गीता ने राजू की शिक्षा की जिम्मेदारी ली और उसे सही मार्ग दिखाया। राजू ने अपने आप को संभला और अपनी जिंदगी में नई उम्मीद की किरण देखी।
राजू की जिंदगी में एक आसमान खुला। उसने अपना सपना पूरा किया और अपनी मेहनत से सफलता पाई। राजू ने कभी भूल नहीं पायी अपने दुख भरी कहानी को, लेकिन वो उससे अपनी हिम्मत का पर्याय बनाया।
ये कहानी हमें सीखती है कि जीवन में कभी-कभी दुख भरी घाटनाएं होती हैं, लेकिन हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। हम अपने आप को संभलना और आस पास के लोगो का साथ देना चाहिए। प्यार और सहयोग से हम अपने दुख से ऊपर उठ सकते हैं और नई जिंदगी की ओर बढ़ा सकते हैं।
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